आगरा, अक्टूबर 29 -- वियतनाम, कंबोडिया और लाओस में बैठे चीनी साइबर अपराधियों ने बेरोजगार भारतीय युवाओं को डिजिटल ठगी का हथियार बना लिया है। मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी का झांसा देकर एजेंट इन युवाओं को विदेश भेजते हैं। वहां पहुंचते ही उनके पासपोर्ट और वीजा छीन लिए जाते हैं। इसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट, फर्जी शेयर ट्रेडिंग और हनी ट्रैप जैसी साइबर ठगी सिखाई जाती है। इस गिरोह के चंगुल में आगरा के ही 22 बेरोजगार फंस चुके हैं। पुलिस ने विदेशी गिरोह से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। दो को जेल भेजा गया है, जबकि तीसरे को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से ट्रांजिट रिमांड पर आगरा लाया जा रहा है। जांच में सामने आया है कि यह गिरोह अब तक सैकड़ों भारतीय को फंसा चुका है। इनसे करीब 500 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी कराई गई। अपर पुलिस उपायुक्त आदित्य सिंह न...