नई दिल्ली, सितम्बर 25 -- लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर बुधवार को जो बवाल हुआ, उसने दिल्ली तक हलचल मचा दी। 1989 के बाद लद्दाख की शांत घाटी में पहली बार इतना उबाल देखा गया। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई तो वहीं 70 लोग घायल हैं। इस पूरे बवाल में ऐक्टिविस्ट सोनम वांगचुक का नाम भी गलत कारणों से चर्चा में है। कहा जा रहा है कि उनके भड़काऊ भाषणों ने माहौल को खराब किया और जेन जेड कही जाने वाली युवा पीढ़ी के लोग सड़कों पर उतर आए। यही नहीं सोनम वांगचुक ने इसी साल फरवरी में पाकिस्तान का दौरा किया था। इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसके अलावा उनके एनजीओ को फंडिंग की सीबीआई जांच भी शुरू हो गई है। यही नहीं उनकी मांगों में विरोधाभास की भी चर्चा हो रही है। 2020 में उन्होंने लद्दाख को अलग राज्य ...