आगरा, अगस्त 7 -- कांवड़ यात्रा में कांवड़िये, गंगा नदी (आमतौर पर हरिद्वार, गौमुख या सुल्तानगंज में) से पवित्र जल एकत्र करते हैं और इसे अपने स्थानीय मंदिरों में भगवान शिव को अर्पित करते हैं। कांवड़िये अपने दोस्तों के साथ भगवान में अपनी अटूट आस्था के साथ-साथ एम-सील की सीलिंग ताकत पर भी अटूट विश्वास रखते हैं। कांवड़ यात्रा (जुलाई-अगस्त) के दौरान, 3 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु गंगा में पवित्र स्नान करने और जलाभिषेक के लिए पैदल पवित्र जल ले जाने के लिए हरिद्वार आते हैं। ख़ास बात यह है कि इनमें से कई श्रद्धालु अपने कलशों को सुरक्षित रखने के लिए एम-सील का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनकी यात्रा सुरक्षित रहती है। भारत सचमुच जुगाड़ का देश है। एम-सील, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर लीक-प्रूफ यानि रिसाव-रोधी सीलेंट के रूप में किया जाता है, ने इस सदियों पुरानी तीर्थया...