बोकारो, अक्टूबर 5 -- खेतको, प्रतिनिधि। कुर्मी-कुड़मी जाति के द्वारा अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग का आदिवासी समाज के द्वारा लगातार विरोध जताया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को पेटरवार प्रखंड अंतर्गत चांपी में आदिवासी समाज की बैठक की गई। आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा आगामी 8 अक्टूबर को आक्रोश महारैली में शामिल होने के लिए सीताराम मुर्मू एवं धनेश्वर मुर्मू ने गांव के मांझी हड़ाम के नेतृत्व में ढोल मांदर और नगाड़ा बजाकर जन जागरण अभियान चलाया। विभिन्न आदिवासी टोले के विभिन्न मांझी हड़ाम, नायके बाबा, प्राणिक बाबा, जोग मांझी, भोदरोन, गोडैत, समाजसेवी व बुद्धिजीवी वर्ग ने आक्रोश महारैली को सफल बनाने के लिए अपील किया। कहा कि कुड़मी कभी आदिवासी नहीं थे। इनके पास अनुसूचित जनजाति मे शामिल होने का कोई पुख्ता दस्तावेज नहीं है...