पटना, सितम्बर 5 -- दस दिवसीय दसलक्षण पर्व के नौवें दिन शुक्रवार को पटना के सभी दिगम्बर जैन मंदिरों में उत्तम आकिंचन्य धर्म की पूजा की गयी। भगवान का अभिषेक और शांतिधारा की गयी। कदमकुआं स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में ब्रह्मचारी मनीष भैया ने महापर्व पर्युषण के नौवें दिन संगीतमय पूजा करायी। मीठापुर मंदिर में श्रावकों को उत्तम आकिंचन्य धर्म की पूजा कराते हुए पंडित मुन्ना जैन ने बताया कि आकिंचन्य शब्द का अर्थ है जिसके पास कुछ भी नहीं हो। जब कोई यह समझ ले कि मैं कुछ नहीं हूं तो यह आकिंचन्य है। जब कोई साधक क्रोध, मान, माया, लोभ और पर पदार्थों का त्याग आदि करते हैं और इनसे जब उनका कोई लगाव नहीं रहता, तो उनकी यह अवस्था स्वाभाविक अवस्था कहलाती है। इसे ही 'उत्तम आकिंचन्य धर्म कहा गया है। इससे पूर्व प्रात: मंदिरों में शांतिधारा और कलश किय...