मधुबनी, मार्च 12 -- मधुबनी । जिले में शिक्षा विभाग द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त लगभग 5,000 कर्मियों का भविष्य अनिश्चितता के दौर में गुजर रहा है। इन कर्मियों को 31 मार्च के बाद सेवा से मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। फलत: उनकी नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा शिक्षा विभाग के कार्यों में गति लाने, स्कूलों की प्रबंधन व्यवस्था को बेहतर बनाने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने, बच्चों के कौशल विकास और तकनीकी ज्ञान बढ़ाने के लिए इन कर्मियों की नियुक्ति की गई थी। प्रखंड प्रोजेक्ट मैनेजर (बीपीएम) चंद्रमणि कुमार बताते हैं कि उनके तबादले के बाद, आउसोर्सिंग पर काम करनेवाले को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उन्होंने बताया कि अब हम सभी को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है, इससे हजारों युवाओं का भविष्...