पूर्णिया, मई 7 -- पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। देश भर में थैलेसिमिया मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय में भारत में 1 से 1.50 लाख थैलेसिमया के मरीज हैं। जिस वजह से हमारे देश को थैलेसिमिया की राजधानी भी कहा जाने लगा है। खून की कमी से जूझने वाली इतनी बड़ी मरीजों की आबादी को हर 15 से 20 दिन पर जीवित रहने के लिए ब्लड की आवश्यकता होती है। परंतु हम अब भी मांग के अनुसार रक्त उपलब्ध कराने में समर्थ नहीं हो पाए हैं। ऐसे में देश के हर नागरिक को थैलेसिमिया की मरीजों की ही नहीं बल्कि खून की कमी से जान गवाने वाले लोगों के जीवन की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए और रक्तदान कर उनके अनमोल जीवन की रक्षा करनी चाहिए। यह बातें शहर के प्रसिद्ध सर्जन और भाजपा नेता डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने मंगलवार को पूर्णिया-कटिहार जिले की सीमा पर अवस्थित आ...