नई दिल्ली, मई 14 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आतंकी समूह आईएसआईएस से कथित तौर पर सहानुभूति रखने के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ्तार एक व्यक्ति की जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने अम्मार अब्दुल रहमान को जमानत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि उसने जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आरोपी को 4 अगस्त, 2021 को गिरफ्तार किया गया था और मुकदमा अभी समाप्त होना बाकी है। इसमें कहा गया कि यह दिखाने के लिए कोई सबूत रिकॉर्ड में नहीं लाया गया कि उसने जमानत शर्तों का उल्लंघन किया है। प्रतिवादी को विचाराधीन कैदी के रूप में लगभग तीन साल हिरासत में बिताने के बाद जमानत पर रिहा किया गया था।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विस...