देहरादून, अक्टूबर 4 -- रुड़की। आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने गेहूं के भूसे से पर्यावरण-अनुकूल टेबलवेयर बनाया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि प्लास्टिक प्रदूषण एवं पराली जलाने की दोहरी चुनौतियों का यह एक स्थाई समाधान है। इसके साथ ही किसानों के आय में भी वृद्धि होगी। इनोपैप लैब (कागज़ एवं पैकेजिंग में नवाचार) के शोधकर्ताओं ने पैरासन मशीनरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड औरंगाबाद के सहयोग से गेहूँ के भूसे से बने पर्यावरण-अनुकूल टेबलवेयर का सफलतापूर्वक विकास किया है। यह नवीन प्रौद्योगिकी एक साथ दो गंभीर चुनौतियों का समाधान करती है। फसल अपशिष्ट को जलाने की व्यापक प्रथा, जो भारत में वायु प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है तथा एकल-उपयोग प्लास्टिक अपशिष्ट की बढ़ती समस्या, जो सदियों से लैंडफिल और महासागरों में मौजूद है। गेहूँ के भूसे को ढाले हुए बायोडिग्रेडेबल...