सहारनपुर, दिसम्बर 26 -- शुक्रवार को आईआईएमटी कॉलेज में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर विद्यालय शिक्षा व उच्च शिक्षा के बीच अकादमिक समन्वय को सुदृढ़ करने को आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में वक्ताओं ने नवाचार व पेटेंट की महत्ता पर प्रकाश डाला। संस्था निदेशक डॉ. अंजू वालिया ने संगोष्ठी की थीम प्रस्तुत करते हुए कहा कि रचनात्मकता व नवाचार की नींव विद्यालय स्तर पर रखी जाती है, जिसे उच्च शिक्षा में शोध, पेटेंट और उद्यमिता के रूप में विकसित किया जाता है। आईपीआर शैक्षणिक ईमानदारी और मौलिक चिंतन को सुदृढ़ करता है।मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ अरविंद के. पाठक ने कहा कि विचारों का संरक्षण ही ज्ञान-आधारित समाज की वास्तविक शक्ति है। पद्मश्री डॉ सेठपाल सिंह ने शिक्षकों से विद्यार्थियों में मौलिक सोच विकसित करने का आह्वान किया। प्रो. अनुराग कुलश्रेष्ठ...