रुडकी, जून 6 -- नए परमाणु नाभिक, 188 एस्टेटिन (188एटी) की खोज में आईआईटी रुड़की की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह खोज फिनलैंड के जैवस्काइला विश्वविद्यालय की एक्सेलेरेटर प्रयोगशाला में एक प्रयोग के माध्यम से प्राप्त की गई। यह आईआईटी और पुर्तगाल के यूनिवर्सिडेड डी लिस्बोआ में विकसित सिद्धांत के पर आधारित है। सैद्धांतिक प्रयासों का नेतृत्व करने वाले आईआईटी रुड़की के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर पी. अरुमुगम ने बताया कि अब तक सभी 118 ज्ञात तत्वों में से लगभग 3400 समस्थानिकों की खोज की जा चुकी है, जो संभावित मापनीय समस्थानिकों का केवल आधा है। नए परमाणु नाभिक, 188एटी की खोज, नाभिक के क्षय होने की दुर्लभ प्रक्रिया पर आधारित है, जिसमें एक प्रोटॉन उत्सर्जित होता है। 188 की द्रव्यमान संख्या के साथ, यह आज तक ज्ञात सबसे भारी प्रोटॉन-उत्सर्जक समस्थानिक है। ख...