नई दिल्ली, मई 3 -- झारखंड में हिज्ब-उत-तहरीर के संदिग्ध आतंकी अम्मार याशर 10 साल जोधपुर के जेल में रहा। मई 2024 में वह छूटा था। इसके बाद उसने फिर से आतंकी संगठन से जुड़कर जिहाद व देश में खिलाफत के उद्देश्य से हिज्ब-उत-तहरीर ज्वाइन किया। एटीएस ने धनबाद से गिरफ्तार आरोपी गुलफाम हसन, आयान जावेद, मो शहजाद और शबनम परवीन की निशानदेही पर अम्मार याशर को गिरफ्तार किया था। एटीएस ने शुक्रवार को उसे जेल भेज दिया। अब उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। पता चला है कि साल 2013 में इंडियन मुजाहिदीन की गतिविधियां देशभर में चल रही थी। पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट के बाद देशभर में फैले इंडियन मुजाहिदीन के नेटवर्क पर दबिश डालने की शुरुआत हुई। तब मार्च 2014 में पहली बार अम्मार याशर एजेंसियों के हत्थे चढ़ा था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने याशर को शाहीनबाग से ह...