छपरा, दिसम्बर 16 -- छपरा, नगर प्रतिनिधि। जिले के विभिन्न पैक्सों पर धान बेचने आए किसानों की आंखों में नमी और आवाज में दर्द साफ झलक रहा है। एक किसान कहता है कि खेती अब पेट पालने का जरिया नहीं, चिंता का कारण बन गई है। सारण के गांवों में गूंजती यह व्यथा सिर्फ एक किसान की नहीं, बल्कि हजारों अन्नदाताओं की कहानी है, जो आज भी अपने हक और सम्मानजनक मूल्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं। समय सुबह के दस बजे हैं, दिन मंगलवार । जिला मुख्यालय से दूर ग्रामीण क्षेत्र परसा प्रखंड के बलिगांव स्थित पैक्स केंद्र पर किसानों की भीड़ दिखने लगी। ठंड के बावजूद किसान अपने-अपने धान से लदे ट्रैक्टर और पिकअप के साथ केंद्र पर पहुंचे थे। बाद जिला सहकारिता पदाधिकारी सुधीर कुमार सिंह भी पहुंचते हैं और अभी तक की धान खरीदारी के बारे में अध्ययन जानकारी पैक्स प्रबंधक से ले रहे हैं। ...