नई दिल्ली, अक्टूबर 3 -- अहोई अष्टमी हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे खासतौर पर माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के लिए करती हैं। यह व्रत कार्तिक माह में मनाया जाता है और इस वर्ष यह 13 अक्टूबर को पड़ रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी व्रत से न केवल संतान की दीर्घायु सुनिश्चित होती है, बल्कि संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले परिवारों में भी विशेष कृपा मिलती है। इस दिन माताएं सुबह से ही निर्जला व्रत रखती हैं। दिनभर वे साधारण भोजन या जल का ही सेवन करती हैं और विशेष नियमों का पालन करती हैं। अहोई अष्टमी व्रत के दिन जमीन की खुदाई करना वर्जित है। साथ ही फल और सब्जियों को काटने से बचना चाहिए। दूध का प्रयोग भी व्रत के दिन निषिद्ध होता है। माताएं पूरे दिन अहोई माता की पूजा की तैयारी क...