अलीगढ़, अक्टूबर 12 -- अलीगढ़, कार्यालय संवाददाता। अहोई अष्टमी का व्रत अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत कार्तिक कृष्णपक्ष मास की अष्टमी तिथि आद्रा, पुनर्वसु नक्षत्र परिधि योग बव करण के शुभ संयोग में मनाया जाएगा। इस बार अहोई अष्टमी पर बनने वाले चार योग इसे और विशेष बना रहे हैं। इन योगों में पूजा अर्चना करना विशेष फलदायी होगा। पं. ह्रदय रंजन शर्मा ने बताया कि अहोई अष्टमी का पर्व मुख्य रूप से संतान की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाता है। इस पर्व के विषय में एक ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस व्रत को उसी वार को किया जाता है। जिस वार की दिपावली हों। इस वर्ष यह संयोग 13 अक्टूबर सोमवार के दिन पड़ रहा है। इस बार की अहोई अष्टमी व्रत पर चार शुभ संयोग बन रहे हैं। अहोई अष्टमी के दिन रवि योग, परिधि योग, शिव योग, पुनर्वसु नक्षत्र रहेंगे। व...