मुरादाबाद, अक्टूबर 12 -- आज अहोई अष्टमी है। यह पुष्य नक्षत्र और अमृत सिद्धि योग में मनाई जाएगी जो अति शुभकारक है। यह व्रत माताएं पुत्रों की सलामती के लिए रखती हैं। अहोई अष्टमी उसी दिन मनाई जाती है आठ दिन बाद जिस दिन दीवाली होती है। इस दिन माताएं अपनी संतान के लिए इस व्रत को करती है। वह पूरा दिन निर्जल रहकर शाम को तारे को अर्घ्य देकर व्रत खोलती है और अहोई माता से अपनी संतान की दीर्घ आयु की कामना करती है। क्यों मनाई जाती है अहोई अष्टमी: ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि अहोई अष्टमी की कथा एक साहूकार से जुड़ी है। उसके सात बेटे और एक बेटी थी। एक दिन वह अपनी भाभियों के साथ नांद से मिट्टी खोद रही थी। ननद से सेई का बच्चा मर गया। स्याहू माता बोली अब मैं तेरी कोख बांध दूंगी। ननद के कहने पर छोटी भाभी ने अपनी कोख बंधवा ली। अब उसके जो भी बेटा होता वह सात द...