मेरठ, नवम्बर 4 -- हस्तिनापुर। श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर के स्वर्णमयी नंदीश्वरद्वीप जिनालय में चल रहे श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान में भगवान की शांतिधारा, अभिषेक आदि किए गए। मांडले पर 1024 अर्घ्य चढ़ाए। विधान में सर्वप्रथम मुख्य वेदी पर आचार्य ज्ञान भूषण महाराज के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने भगवान की पूजा अर्चना की। शांतिधारा सचिन जैन आदि ने की। आचार्य श्री ने कहा कि अहिंसा सभी प्राणियों के लिए कल्याणकारी होती है। आदमी अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही शांति, मुक्ति, आर्जव, मार्दव आदि प्राप्त कर सकता है। परिवार, समाज समेत राष्ट्र में शांति होनी चाहिए। इसके पश्चात कार्तिक पूर्णिमा मेले का पूजा अर्चना के साथ शुभारंभ किया गया। महाप्रबंधक मुकेश जैन ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान को स्वर्ण रथ में विराजमान कर शोभायात्रा निकाली ज...