वाराणसी, मार्च 19 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। महमूरगंज स्थित शृंगेरी मठ में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा श्रवण कराते हुए वृन्दावन के पं. बृजेश गोस्वामी ने कहा कि अहंकार भगवान का सबसे प्रिय भोजन है। हो सकता है कि एक बार प्रभु छप्पन भोग ना ग्रहण करें लेकिन भक्त के अहंकार को वे अवश्य खा जाते हैं। मारवाड़ी युवा मंच गंगा शाखा की तरफ से चल रही कथा में भागवत अमृत वर्षा कराते हुए बांके बिहारी मन्दिर वृंदावन के शयन भोग सेवा अधिकारी पं. बृजेश गोस्वामी ने कहा कि ठाकुरजी की सेवा के लिए बड़े-बड़े साधनों की आवश्यकता नहीं है और ना ही किसी बड़े मंदिर या विग्रह की आवश्यकता है। प्रभु की सेवा के लिए सिर्फ भाव की आवश्यकता है। भगवान भौतिक साधनों से नहीं रीझते। कथा से पूर्व भक्तों ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। इसके बाद मुख्य यज...