विकासनगर, नवम्बर 3 -- बावन बीघा में चल रही राम कथा के पांचवें दिन सोमवार को धनुष भंजन और सीता स्वयंवर की कथा का वर्णन किया गया। कथा वाचक ने मिथिला धाम पर विशेष चर्चा करते हुए कहा कि मिथिला वासियों के लिए कहा है कि यहां के सभी नर नारी सुंदर, सुशील और धर्मात्मा हैं। इसलिए इसे भक्ति की भूमि भी कहा गया है। लिहाजा भगवान इस धरती पर चलकर आए और इस मिथिला के पाहुन बने। जिनका विवाह लोक रीति, वेद रीति, कुल रीति तीन रीतियों से किया गया। धनुष भंग की कथा का वर्णन करते हुए कथा वाचक राजन जी महाराज ने कहा कि धनुष अहंकार का प्रतीक है और अहंकार तोड़ना भगवान का सरल स्वभाव है। उन्होंने कहा कि अहंकार के नाश के लिए गुरु कृपा का होना अति आवश्यक है। जब तक जीवन में अभिमान रहेगा तब तक भगवान की प्राप्ति संभव नहीं है। राम विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि उन्होंने भगवान...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.