संतकबीरनगर, अक्टूबर 5 -- संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले को अस्तित्व में आए ढाई दशक से अधिक का समय हो गया है, लेकिन जिले में हृदय रोगियों के इलाज की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। जिला अस्पताल में जो मरीज आते हैं, उनका प्राथमिक इलाज से अधिक कुछ नहीं किया जाता है। हृदयाघात के मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। जिले की आबादी लगभग 25 करोड़ हो गई है। इतनी बड़ी आबादी के इलाज के लिए जिला चिकित्सालय तो स्थापित कर दिया गया है, लेकिन इस चिकित्सालय में अभी तक कार्डियोलॉजिस्ट का पद सृजित नहीं है। चिकित्सक का पद सृजित नहीं होने की वजह से वार्ड तक का भी निर्माण नहीं किया गया है। जहां पर व्यवस्था होती वहां हृदय रोगियों को जिस वार्ड में भर्ती किया जाता है, उस वार्ड के बेड में पल्स आक्सीमीटर, ईसीजी मशीन तक की सुविधा ...