नई दिल्ली, जून 23 -- नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) ने दिल्ली विश्वविद्यालय और उसके संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों की ओर से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को ज्ञापन सौंपते हुए अस्थायी, संविदात्मक व पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च फेलोशिप के तहत दी गई शिक्षकीय सेवाओं मान्यता देने की मांग की है। एनडीटीएफ का कहना है कि हजारों शिक्षक वर्षों तक विश्वविद्यालय की सेवा करने के बावजूद उनके कार्यकाल को सेवा लाभ, वरिष्ठता, पेंशन और पदोन्नति जैसे मामलों में नहीं जोड़ा गया है, जो न सिर्फ अन्यायपूर्ण है, बल्कि 'समान कार्य के लिए समान वेतन' के सिद्धांत का भी उल्लंघन करता है। संगठन ने चार प्रमुख मांगें उठाई हैं जिसमें पूर्ण सेवा अवधि की गिनती, सेवा वेटेज के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश, पिछली सेवा की गणना को जोड़ना तथा आरक्षण ...