बगहा, मई 6 -- बेतिया शहर में इन दिनों रजिस्टर्ड मेडिकल रिप्रजेंटेटिव की संख्या लगभग 800 है। इनमें दो हजार से अधिक ऐसे मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है। कड़ी मेहनत करने वाले इस पेशे से जुड़े लोगों की समस्याओं की फेहरिश्त काफी लंबी है। जॉब सिक्यूरिटी का संकट, टारगेट पूरा नहीं होने पर वेतन कटने का खतरा, नि:शुल्क मेडिकल बीमा नहीं होने से परेशानी, वेतन में बढ़ोतरी नहीं होने की समस्या, जीपीएस मॉनिटरिंग का टेंशन तथा टारगेट पूरा करने का दबाव आदि कारणों से एमआर को कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है। जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि पहले हम भी मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हुआ करते थे, लेकिन अभी के हालात ऐसे हैं कि हम सिर्फ सेल्समैन बन कर रह गए हैं। इससे हमलोगों को परेशानी होती है। हमारी समस्या सुनने वाला कोई नहीं ह...
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