प्रयागराज, सितम्बर 7 -- प्रयागराज, संवाददाता। वेटिकन सिटी में रविवार को जब रोमन कैथोलिक चर्च के धर्मगुरु पोप लियो-14 ने संत की उपाधि कार्लो एक्यूटिस को दिए जाने की घोषणा की। ठीक उसी समय उसका सीधा प्रसारण देख रहे इलाहाबाद डायोसिस के बिशप लुईस मस्करेन्हस को सितंबर 2024 का वह लम्हा याद आने लगा जब बिशप इटली की राजधानी रोम से 45 किमी दूरी पर स्थित गांव असीसी में कार्लो एक्यूटिस के पार्थिव शरीर के सामने खड़े थे। मस्करेन्हस ने बताया कि बिशप होने के नाते मुझे पंद्रह मिनट तक उनके पार्थिव शरीर के सामने प्रार्थना करने की अनुमति प्रदान की गई थी। मैं अपने को धन्य मानता हूं। जिस समय मैंने असीसी के परिसर में प्रवेश किया, वह मेरे जीवन का अनमोल लम्हा था और एक अद्भुत अनुभव था। अंदर जाने पर चारों ओर अजीब सी शांति महसूस होने लगी। उन्हें देखकर ऐसा लगा कि कार्...