प्रयागराज, अक्टूबर 3 -- प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर (विज्ञापन संख्या 51) के 910 पदों पर 16 और 17 अप्रैल को आयोजित परीक्षा को निरस्त कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के उप सचिव विकास सिंह और केके गिरि को ज्ञापन सौंपा। प्रतियोगी छात्रों की मांग है कि परीक्षा नियंत्रक को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए परीक्षा रद्द दोबारा नए सिरे से कराई जाए। अभ्यर्थियों ने दावा किया कि रुमाल पर उत्तरकुंजी लेकर नकल करते हुए पकड़े गए एक छात्र पर पुराने कानून के तहत एफआईआर कराई गई जिसमें अधिकतम सजा तीन महीने कैद व दो हजार जुर्माना है जबकि 30 जुलाई 2024 से लागू नए कानून में पेपरलीक जैसी गंभीर घटनाओं पर 50 लाख से एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास तक की सजा है...