हरिद्वार, फरवरी 17 -- मृत्युंजय मिशनकी ओर से नंदीपुरम गैंडीखाता में मर्म विज्ञान चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ। इसमें उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के पूर्व कुलपति मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सुनील जोशी ने देश-विदेश से आए एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और योग साधकों को मर्म चिकित्सा विज्ञान के विषय में जानकारी दी। डॉ. सुनील जोशी ने बताया कि मर्म चिकित्सा हमारे वेदों में निहित ऐसी चिकित्सा पद्धति है, जो मानव शरीर में स्थित मर्म बिंदुओं को उत्प्रेरित कर असाध्य रोगों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। उन्होंने कहा कि इसमें मानव शरीर में स्थित मर्म बिंदुओं को जागृत कर मानव शरीर में छुपी हुई अंतर ऊर्जा को प्रवाहित कर असाध्य रोगों का इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जो विलुप्त हो गई थी।

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