गुवाहाटी, नवम्बर 27 -- असम विधानसभा ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक बृहस्पतिवार को पारित किया, जिसके तहत इसे अपराध माना जाएगा और कुछ अपवादों को छोड़कर इसके लिए अधिकतम 10 वर्ष की कैद हो सकती है। विधेयक में अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के लोगों और छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर वह अगले साल विधानसभा चुनावों के बाद फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं तो असम में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाएगी। असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025 के पारित किए जाने के दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह कानून "धर्म से परे है और इस्लाम के खिलाफ नहीं है जैसा कि एक वर्ग द्वारा माना जा रहा है"। सरमा के पास गृह और राजनीतिक विभागों का भी प्रभार है। ...