बरेली, फरवरी 23 -- आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने असम विधानसभा की कार्यवाही पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि असम की भाजपा सरकार ने एक बार फिर मुस्लिम मुखालफत का इजहार करते हुए विधानसभा में मुस्लिम विधायकों के लिए जुमे के दिन नमाज अदा करने के लिए 2 घंटे के वक्फा (शुन्यकाल) के लिए 90 साल की परम्परा को खत्म कर दिया गया है। अगर चुने हुए विधायक ही अपने धार्मिक अधिकारों की अदायगी नहीं कर सकते है तो असम राज्य के आम मुसलमानों के बारे में क्या कहा जा सकता है। ये बात हर शख्स सोच सकता है। मौलाना ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा हमेशा मुसलमानों के खिलाफ जहरीले बयान देते है। कभी वो एनआरसी के नाम पर असम और बंगाल के मुसलमानों को डराते है। तो कभी सीएए के नाम पर पूरे भारत के मुसलमानों को डराने की ...
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