नई दिल्ली, अक्टूबर 30 -- नई दिल्ली। रामनारायण श्रीवास्तव। असम में बीते एक दशक से सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। पार्टी में मूल और बाहरी का विवाद गहरा रहा है और गठबंधन को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री व चार बार सांसद रहे राजन गोहेन द्वारा उठाए गए मुद्दे भीतर ही भीतर गरमा रहे हैं। इस बीच बीटीसी चुनाव में लगे झटके के बाद भाजपा में गठबंधन के विस्तार और मजबूती का दबाब भी बढ़ा है। पूर्वोत्तर की राजनीति के लिए असम भाजपा के लिए बेहद अहम है। इसका असर पूरे क्षेत्र पर पड़ता है। भाजपा ने 2016 में राज्य में कांग्रेस को हराकर पहली बार सत्ता हासिल की थी। इसके बाद उसने 2021 में अपनी सत्ता बरकरार रखी। अब 2026 में उसके सामने पार्टी के भीतर और बाहर से चुनौती बढ़ी है...