समस्तीपुर, नवम्बर 19 -- जिले में करीब 15 सौ से अधिक बसें है। आम आदमी को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में इनकी भूमिका अहम है। बस के संचालन से करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है। शहर में एकलौता बस स्टैंड कर्पूरी बस पड़ाव है। जहां से लगभग करीब एक दर्जन जिला के लिए बस खुलती है। लेकिन बस चालकों को कई परेशानियों से होकर गुजरना पड़ता है। लगभग सही रूट में कुकुरमुत्ते की तरह उगे बस स्टैंड में अवैध राशि देनी होती है। बुधवार को हिन्दुस्तान बोले अभियान के तहत प्राइवेट बस संचालकों ने अपनी समस्याओं को साझा किया। ड्राइवर सुजीत सिंह ने कहा कि प्राइवेट बस चालकों को अक्सर सड़कों पर अपनी बसें खड़ी करनी पड़ती हैं, लेकिन दुकानदारों द्वारा इन बसों को हटाने का दबाव होता है। यह स्थिति उस समय और अधिक गंभीर हो जाती है, जब यात्री बस में सवार होते हैं। दुकानदारों का दबाव उन्हें ...