नई दिल्ली, अप्रैल 13 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि अवैध बोरवेल से पानी निकालना किसी पाप से कम नहीं है। ऐसा करने वालों पर रोक लगाई जानी चाहिए। यदि ऐसे अवैध बोरवेल बंद नहीं किए गए, तो राजधानी में पानी के लिए हाहाकार मचने वाली स्थिति सामने आ सकती है। कुछ वर्ष पहले दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ऐसे ही हालात बन गए थे। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि अवैध बोरवेल जल स्तर को कम कर रहे हैं, जो कि किसी पाप से कम नहीं है। कुछ वर्षों पहले जोहानिसबर्ग के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ा था। क्या आप चाहते हैं कि दिल्ली में भी ऐसी स्थिति आए। ----- सर्वेक्षण कर दस दिन के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने का टीम को आदेश अदालत अधिवक्ता सुनील कुमार शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर...