लखनऊ, नवम्बर 4 -- हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अवैध धर्मांतरण रोकथाम कानून तथा अपहरण समेत अन्य धाराओं की एक एफआईआर को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने टिप्पणी की है कि वर्तमान मामला इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार राज्य के अधिकारी उक्त एफआईआर के आधार पर अंक बटोरने की होड़ में एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं। न्यायालय ने पीड़िता द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान के बावजूद अभियुक्त को जेल में रखने पर राज्य सरकार पर 75 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है जिसमें से 50 हजार रुपये जेल में बंद याची को तथा 25 हजार विधिक सहायता सेवा केंद्र को दिए जाएंगे। न्यायालय ने अभियुक्त को तत्काल रिहा करने का भी आदेश दिया है। यह निर्णय न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन व न्यायमूर्ति बबीता रानी की खंडपीठ ने उमेद उर्फ उबैद खां व अन्य की याचिका को मंजूर करते ...
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