गोंडा, मार्च 18 -- गोण्डा, संवाददाता। रमजान के दूसरे अशरे में अल्लाह अपने बंदों की मगफिरत करता है। इस अशरे में रोजेदार कसरत के साथ कुरआन की तिलावत करने और अल्लाह से मगफिरत की दुआ मांगने में जुटे हुए हैं। रमजान के दूसरे अशरे को मगफिरत का अशरा कहा जाता है। इसमें अल्लाह अपने बंदों की मगफिरत करता है और उनके गुनाहों को माफ करता है। मंगलवार को शहर के मरकज मस्जिद, जलाली मस्जिद, मीनाईया मस्जिद, डिप्टी मस्जिद, तकिया आदि इलाकों में स्थित मस्जिदों में लोगों ने रोज होने वाले एक पारे की तरावीह की नमाज अदा की। इसके साथ ही मुल्क की सलामती के लिए दुआएं मांगीं। मुस्लिम इलाकों में काफी चहल-पहल रही। हाफिज अनीश ने बताया कि सभी को चाहिए कि वह रमजान के दूसरे अशरे में कसरत के साथ कुरआन की तिलावत करें और अल्लाह से मगफिरत की दुआ मांगे। दूसरे अशरे की फजीलत बयान कर...