गोरखपुर, फरवरी 15 -- गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता बंदियों को अल्फाबेट के मुताबिक अलग-अलग बैरक बांटे जाने से जेल के अंदर भी अब गिरोह टूट रहा है। पहले एक साथ क्राइम करने वाले गिरोह के सदस्य जब जेल भेजे जाते थे तो एक ही बैरक में पहुंच कर फिर एक साथ हो जाते थे, ऐसे में सिर्फ फरारी के दिन को छोड़ दें, तो बाकी सभी समय गिरोह एक ही साथ रहता था। ऐसे में पुलिस इन पर ठीक से शिकंजा नहीं कस पाती थी। पर अब गिरोह के टूटने का असर साफ तौर पर दिखने लगा है। जेल के अंदर जहां गुटबाजी और विवाद थम गया है, तो बाहर भी शांति महसूस की जा रही है। दरअसल, गोरखपुर जेल में वर्तमान में दर्जनों गैंग और उसके गैंगस्टर बंद हैं। कुछ महीने पहले तक बदमाश जेल जाने के बाद इकट्ठे हो जाते और वहां भी अपना गुट बनाकर दबंगई शुरू कर देते थे। इस तरह की दबंगई की वजह से कई बार जेल के अंदर दूस...
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