सहारनपुर, अगस्त 19 -- अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति तीन वर्षों से बंद है। इसके बदले सरकार ने छात्रों को शिक्षा ऋण का विकल्प थमा दिया है। लोकसभा में सहारनपुर सांसद इमरान मसूद के सवाल पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के जवाब से यह खुलासा हुआ है। सांसद प्रतिनिधि विपिन जैन के अनुसार, इमरान मसूद ने सवाल उठाया था कि जब अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और यहां तक कि सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति का बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार वहन करती है, तो फिर मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध यानी अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को इस योजना से क्यों वंचित किया गया है? उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति की यह व्यवस्था बंद होने से हजारों गरीब और प्रतिभावान छात्रों को ...
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