खगडि़या, सितम्बर 25 -- ख्गड़िया । जितेन्द्र कुमार बबलू चार जिलों की सीमा को छूने वाले अलौली सुरक्षित विधानसभा वर्ष 1951 में अस्तित्व में आया। भौगोलिक दृष्टिकोण से दुरुह अलौली गढ़ लोरिक की कर्मभूमि व दिवंगत केन्द्रीय मंत्री पद्मभूषण रामविलास पासवान का जन्मस्थली है। यहां से प्रतिनिधित्व करने वाले हस्तियों ने इस विधानसभा को प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान दी है। क्षेत्र की दुरुह भौगोलिक स्थिति के कारण 10 वर्ष पहले नक्सली संगठनों का यह विधानसभ गढ़ बना हुआ था। दियारा क्षेत्र में कई थाना व पिकेट की स्थापना कर सरकार ने अपराध पर नियंत्रण किया। इसके बाद नक्सल संगठन धीरे-धीरे खत्म हो गया। अलौली विधानसभा शुरुआती दिनों से वर्ष 1985 तक कांग्रेसियों का गढ़ रहा है। कांग्रेस से मिश्री सदा ने अलौली विधानसभा क्षेत्र से छह बार नेतृत्व किया। ढाई दशक त...