खगडि़या, मार्च 24 -- अलौली। एक प्रतिनिधि प्रखंड मे जिला परिषद, पंचायत समिति एवं पंचायत स्तर से निर्मित सामुदायिक शौचालय भवन जानवर का तबेला बनकर रह गया है। सरकारी योजना की राशि का इससे बड़ा दुरुपयोग किसी ने नहीं देखा होगा। जनप्रतिनिधि एवं पदाधिकारियों को इसके प्रति उदार बनना चाहिए, ताकि लोहिया स्वच्छता अभियान पूरी तरह से सफल हो सके। ऐसी स्थिति मे उक्त अभियान इस प्रखंड मे कितना सफल हो पाया इसके लिए किसी भी चश्मे की जरूरत नहीं रह गया है। बताया जाता है कि घर-घर जब शौचालय निर्माण अभियान चल रहा था। सीएलटीएस द्वारा शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। उस समय बात सामने आयी कि महादलित परिवार को घर के लिए जमीन नहीं है तो शौचालय कैसे बने। इस स्थिति में महादलित पिछले गांवों मे त्रिस्तरीय व्यवस्था से सामुदायिक शौचालय का निर्माण लाखों को लागत...