जमुई, जनवरी 31 -- अलीगज । निज संवाददाता अमर कथाकार वृंदावन बिहारी लाल की कहानी "जब मैंने बाघ पालतू बनाया" ऊक्त कहानी चरितार्थ हो रहा है अलीगंज के व्यवसाइयों पर, पूर्व में अलीगंज के ही कुछ लोग आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगो से सम्पर्क कर गलत तरीके से अपना काम निपटाया ,अब वही लोग यहा के व्यवसायियों के लिए जहरीला मवाद बन गया जो, पकने के बाद टीस के साथ फूटती है। लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला अलीगज तथा इसके आसपास के क्षेत्र में कब कोई बड़ी घटना घटित हो जाय इसका अनुमान लगाना पुलिस तथा आमलोगों की समझ से बहुत दूर है। अमूमन हमेशा शांत रहने वाला अलीगंज में अंदर-अंदर अपराध को लेकर एक उबाल रहता है, अंतरजिला पर रहने कारण इस क्षेत्र अपराधियो की शरणस्थली बन गई है। 23 मार्च 2024 को अलीगंज के सोनखार मोड़ पर एक युवक रामकुमार...
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