नई दिल्ली, अक्टूबर 21 -- सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को अपनी अलग रह रही पत्नी को उसका सारा सामान 24 घंटे में सौंपने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि उसने 2022 से उसे कपड़े और अन्य सामान लेने की अनुमति नहीं दी है। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने यह टिप्पणी शुक्रवार को पति द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई के दौरान की। आवेदन में यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि उसके नाबालिग बेटे को दीवाली के दिन उसके घर आने की अनुमति दी जाए ताकि परिवार पूजा कर सके। इस अनुरोध का मां ने कड़ा विरोध किया। शीर्ष अदालत ने पिता और माता को अपने बेटे को पूजा के लिए मंदिर ले जाने की अनुमति दी और कहा कि दादा-दादी भी चाहें तो उनके साथ जा सकते हैं। पीठ ने कहा कि शादियां टूटती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि...