वृंदावन-मथुरा, सितम्बर 25 -- अरे। ये बंशी तो कान्हा के पास रहती है। यहां राधा जी के पास क्यों। निधिवन के अनूठे मंदिर में पहुंचकर विस्मृत सी हो गईं महामहिम मुर्मु के मुख से सहसा ये प्रश्न फूट पड़ा। राष्ट्रपति को सेवायत ने विस्तार से कथा बताकर मंदिर का माहात्म्य समझाया। इस दौरान वे किसी सामान्य श्रद्धालु की तरह हाथ जोड़े खड़ी रहीं। अपने परिवार के साथ गुरुवार को प्रेसिडेंट एक्सप्रेस से मथुरा-वृंदावन की आध्यात्मिक यात्रा पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने यहां सात घंटे गुजारे। इस दौरान वृंदावन की कुंज गलियों और निधिवन की लता-पताओं को देखकर अभिभूत रहीं। बंशी चोर राधारानी मंदिर में उनकी जिज्ञासा शांत करते हुए सेवायत रोहित गोस्वामी ने बताया कि बंशी बजाने में श्रीकृष्ण के तल्लीन होने से परेशान होकर राधा जी ने उनकी बंशी चुरा ली थी। इसी पर मंदिर क...