नई दिल्ली, अगस्त 9 -- जम्मू-कश्मीर सरकार ने 25 किताबों के प्रकाशन पर रोक लगा दी है, जिनमें अरुंधति रॉय और ए.जी. नूरानी जैसे लेखकों की किताबें भी शामिल हैं। गृह विभाग के प्रधान सचिव चंद्राकर भारती द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह फैसला उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के आदेश पर लिया गया है। सरकार का कहना है कि ये किताबें अलगाववाद को बढ़ावा देती हैं और युवाओं के मानसिक ढांचे को प्रभावित कर सकती हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि इस साहित्य में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करना, आतंकवादियों का महिमामंडन, सुरक्षा बलों को बदनाम करना, धार्मिक कट्टरता, अलगाव की भावना को बढ़ावा देना और हिंसा-आतंकवाद की राह दिखाना जैसे तत्व पाए गए हैं। इन पुस्तकों को भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 152, 196 और 197 के तहत भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा...