जहानाबाद, नवम्बर 3 -- मेहंदिया, एक संवाददाता। करीब एक सप्ताह का समय अरवल विधानसभा में चुनाव प्रचार का बच गया है और इसमें यह देखा जा रहा है कि अब जातीय गोलबंदी शुरू हो गई है और विकास के मुद्दे गायब हो गए हैं। गौरतलब हो कि 11 नवंबर को अरवल विधानसभा में चुनाव होना है जिसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों और निर्दलीय प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दिया गया है। दिन हो या रात, सुबह हो या शाम इनके द्वारा चुनाव प्रचार में काफी तेजी ला दी गई है। लेकिन इस चुनाव प्रचार में सबसे दिलचस्प बात यह देखी जा रही है कि यहां जातीय गोलबंदी शुरू हो गई है। प्रत्याशी हो या मतदाता सभी अपने-अपने जाति के हिसाब से पार्टी का गुणगान करने में लग गए हैं। काम के मुद्दों के बजाय जाति हावी हो गई है। यह स्थिति एक दो ग्रामों में नहीं बल्कि विधानसभा के प्राय: सभी ग...