भागलपुर, मार्च 2 -- अररिया, वरीय संवाददाता अररिया जामा मस्जिद के इमाम आफताब आलम का कहना है कि माहे रमजान की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इसी माह में पवित्र कुरआन पूरा नाजिल हुआ। रमजान की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए इमाम आफताब आलम ने बताया कि मानसिक रूप से स्वस्थ हर मुस्लिम मर्द और औरत के लिए रमजान का रोजा अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि निर्धारित अवधि में केवल खाने पीने से परहेज का नाम रोजा नहीं है बल्कि ये जरूरी है कि शरीर के विभिन्न अंगों जैसे हाथ, पैर, दिल, आंख कान आदि को भी उन चीजों और कामों से बचाया जाए जिसकी मनाही अल्लाह ने की है। कुरआन और हदीस का हवाला देते हुए इमाम ने कहा कि रोजा की हालत में चंद चीजों को छोड़ने की प्रैक्टिस और ट्रेनिंग दी जाती है ताकि सारी उम्र वो खुदा के हुक्म के अनुसार जीवन गुजारेगा और वो उन चीजों को छो...