अयोध्या। कमलाकान्त सुन्दरम, सितम्बर 8 -- अयोध्या, जो सनातन धर्म में भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में पूजनीय है, जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी एक अत्यंत पवित्र स्थान है। यह जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव सहित पांच तीर्थंकरों की जन्मभूमि है। जैन मतानुसार, भगवान ऋषभदेव भगवान राम के पूर्वज थे, जिनका जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था। राम मंदिर निर्माण के बाद रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के पहले दूसरी बार जैन धर्म की सर्वोच्च साध्वी गणिका ज्ञानमती माता अयोध्या पहुंची। जैन साधक डा. जीवन प्रकाश बताते हैं कि उनके आगमन के बाद पूर्व प्रस्तावित योजना के अनुसार जैन मंदिर व धर्मशाला का पूरी तरह से कायाकल्प कराया गया है। इसके साथ ही मार्च माह में पंच कल्याणक महोत्सव का आयोजन किया। इस दौरान भगवान ऋषभदेव को केंद्र में रखकर 1700 से अधिक प्रतिमाओं की ...
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