नई दिल्ली, नवम्बर 6 -- अमेरिका द्वारा रूस की प्रमुख तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर 21 नवंबर से लागू होने वाले नए प्रतिबंधों के बाद भारत ने अपने रूसी कच्चे तेल के सीधे आयात में कटौती का निर्णय लिया है। इस फैसले से दिसंबर में रूसी तेल की आवक में तेज गिरावट आने की संभावना है, हालांकि 2026 की शुरुआत तक वैकल्पिक व्यापार मार्गों और बिचौलियों के जरिए इसमें धीरे-धीरे सुधार देखा जा सकता है। समुद्री खुफिया कंपनी केप्लर के अनुसार, यह निर्णय भारत की तेल सप्लाई चैन में अस्थायी असंतुलन पैदा करेगा, क्योंकि भारत अब तक रूस से बड़ी मात्रा में सस्ता कच्चा तेल आयात कर रहा था और उसे अपने रिफाइनरियों में प्रोसेस कर पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों में परिवर्तित कर रहा था।मुख्य रिफाइनरियां रोकेंगी रूसी तेल की खरीद भारत की सबसे बड़ी तेल आयातक कंपनी रिलायंस इंडस्ट...