गौरीगंज, सितम्बर 22 -- शुकुलबाजार। क्षेत्र में गोमती के तट पर स्थित कामाख्या देवी धाम श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। मांझगांव ग्राम पंचायत के पन्ही गांव निवासी व मन्दिर के पुजारी सुरेन्द्र दास महराज बताते हैं कि लगभग ढाई सौ वर्ष पूर्व पन्ही निवासी एक व्यक्ति मकान निर्माण कराने के लिये नींव की खुदाई करा रहे थे। खुदाई के दौरान एक पत्थर से फावड़ा टकराया और पत्थर से रक्त निकलने लगा। बताते हैं कि रक्त पत्थर से इतना निकला की खून से जगह भर गयी। इसके बाद खुदाई बन्द कर दी गयी। दूसरे दिन नींव की खुदाई में माता की मूर्ति जो कि काले पत्थर की थी और माता जी मगरमच्छ पर सवार थी, उसे निकालकर दीना बाबा द्वारा स्थापित कर दिया गया। माता की मूर्ति के साथ जो शिवलिंग मिला उसे भी दीना बाबा ने माता जी के मूर्ति के साथ कुछ दूरी पर स्थापित कर दिया। बताया जाता ह...