गौरीगंज, अप्रैल 10 -- अमेठी। जिले में पुल-पुलिया की बदहाल स्थिति लोगों की जिंदगी के लिए खतरा बन गई है। कहीं ग्रामीण नाले पर खंभे रखकर जान जोखिम में डाल रहे हैं, तो कहीं स्कूल जाने वाले बच्चे संकरे और टूटे पुलों से गुजरने को मजबूर हैं। वहीं, मालती नदी पर बना एक महत्वपूर्ण पुल ढाई साल पहले ध्वस्त हो गया, लेकिन उसका पुनर्निर्माण अधर में है। जलामा और चटका में खंभे ही सहारा : ग्राम पंचायत जलामा के पूरे मनीराम पांडेय का पुरवा के निवासी ग्रामीण वर्षों से खंभे के सहारे नाले को पार कर रहे हैं। मुख्य मार्ग पर पुलिया नहीं है, बरसात में नाले का जलस्तर बढ़ते ही यह रास्ता जानलेवा हो जाता है। गांव निवासी सिद्धार्थ पाठक कहते हैं, पुलिया अब तक सपना बनीं है। यही हाल चटका में भी है। चंदवा ताल से निकलने वाले नाले पर चटका गांव के पास अब तक पुलिया नहीं बनाई गई...
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