गौरीगंज, मार्च 15 -- मुसाफिरखाना। नगर पंचायत मुसाफिरखाना में प्रजापति समाज द्वारा कन्या विवाह एवं भंडारे के उपरांत विराट कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें देश भर से आए कवियों ने अपनी ओजस्वी, श्रृंगारिक, सामाजिक व हास्य रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि प्रदीप पंचम ने मां सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। अजय उपाध्याय विभोर की पंक्तियां 'जिस तरह हमने किए हैं जिंदगी के फैसले, इस तरह कोई अदालत भी सजा देती नहीं' ने श्रोताओं को भावुक कर दिया। पुष्कर सुलतानपुरी ने सामाजिक संवेदनाओं को छूते हुए पढ़ा 'बेरुख नदियों को क्या मालूम, हम सागर हैं सह लेते हैं।' कवयित्री काव्या पटेल ने नारी सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा 'मुझको मेरी कला से पुकारा जाए, सौंदर्य से ज्यादा मुझे मेरे गुणों से निहारा जाए'। ओज कवि दुर्गेश पांडेय दुर्लभ की राष्ट...