गौरीगंज, अप्रैल 19 -- अमेठी। जिले के गौरीगंज विकास खंड के भटगवां गांव में 14वीं शताब्दी में भर राजाओं द्वारा बनवाया गया एक ऐसा सगरा है जिसका पानी आज तक कभी नहीं सूखा है। इस अष्टकोणीय सगरे को नवग्रह सागर के रूप में जाना जाता है। तीन तरफ जहां पक्के घाट बने हैं वहीं पूर्व की ओर गऊघाट कच्चा ही छोड़ा गया है। सगरे के चारों तरफ विश्राम के लिए कमरे भी बनवाए गए हैं। अपनी वास्तुकला और निर्माण शैली को लेकर यह सगरा लोगों के आकर्षण का केन्द्र है। हालांकि देखरेख के अभाव में यह सगरा अब अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। आकर्षित करती है निर्माण शैली सगरे की निर्माण शैली हजारों वर्ष पूर्व की बताई जाती है। लगभग साढ़े तीन बीघे में बने अष्टकोणीय सगरे के चारों तरफ लखौरी ईंटों से कमरों और घाटों का निर्माण कराया गया है। घाटों से तालाब के जल तक पक्की सीढ़ि...