अमरोहा, अक्टूबर 2 -- देश की आजादी की धुन में रमे महात्मा गांधी के कदम अमरोहा की धरती पर भी पड़े थे। अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अक्तूबर 1942 में उन्होंने शहर की वाल्मीकि बस्ती में रात्रि प्रवास किया था। लोगों संग रामधुन गाने के साथ ही स्थानीय हालात की जानकारी कर स्वत्रंतता आंदोलन को लेकर भी चर्चा की। स्थानीय निवासी वरिष्ठ साहित्यकार पंडित भुवन शर्मा भुवन अमरोहवी अपनी पुस्तक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गौरवगाथा में अमरोहा में बापू के आगमन के वृतांत का पूरा वर्णन किया है। शहर की ही सुबोध नगर कालोनी निवासी शिव चरण सिंह तोमर के हवाले से वह बताते हैं कि अक्तूबर 1942 में बापू लखनऊ से दिल्ली की ओर जा रहे थे। स्थानीय स्तर पर सुबह ही सूचना मिल चुकी थी कि बापू अमरोहा भी ठहर सकते हैं। नतीजा शाम करीब पांच बजे 30-40 लोग रेलवे स्टेशन पर बाप...