बांका, मई 26 -- अमरपुर (बांका), निज संवाददाता। करीब चार वर्ष पूर्व कोरोना वायरस के प्रकोप को याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं। क्षेत्र में कोरोना का प्रकोप इतना भयावह था कि इसकी चपेट में आकर दर्जनों लोग काल के गाल में समा गए। इसमें से कुछ की मौत तो सरकारी रिकॉर्ड में है जबकि कई लोगों का तो आंकड़ा तक नहीं मिल सका। उस समय सबसे बड़ी चुनौती ऑक्सीजन की थी। इस क्षेत्र में कहीं भी ऑक्सीजन नहीं था। कोरोना की चपेट में आने के बाद मरीज को उनके परिजन बांका, भागलपुर, मुंगेर आदि जगहों पर ले जाते लेकिन उन जगहों पर भी ऑक्सीजन के लिए मारामारी होती थी। कुछ लोगों को तो ऑक्सीजन मिल जाता था लेकिन कुछ लोग यूं ही बिना ऑक्सीजन के मौत के शिकार हो गए। बांका सदर अस्पताल में पाइप लाइन से ऑक्सीजन की सुविधा थी लेकिन बेड कम होने से परिजन मरीजों को भागलपुर के मायागंज अस्प...